1. किसने कहा कि गणित वह विज्ञान है जिसमें आवश्‍यक निष्‍कर्ष निकाले जाते है – बैन्‍जामिन पेरिक

  2. गणित सभी विज्ञानो को सिंह द्वारा व कुजी है यह कथन है – बेकन

  3. गणित के नियम  व निष्‍कर्ष होते है – वस्‍तुनिष्‍ट , सार्वभौमिक

  4. विद्यार्थी गणित की संकल्‍पनओ और सिद्धातों के अर्थ को समझता है यह अधिगम के किस उद्देश्‍य की प्राप्ति है – अवबोधन

  5. गणित को कहा जाता है – मस्तिष्‍क  का व्‍यायाम

  6. योजना एक उद्देश्‍यपूर्ण क्रिया है जिसे मन लगाकर सामाजिक वातावरण में पूरा किया जाता है  गणित शिक्षण की योजना विधि की उक्‍त परिभाषा किसने दी है – किलपैर्टिक

  7. वह उद्देश्‍य जो शिक्षक गणित पढाने के बाद कक्षा में ही प्राप्‍त कर लेता है उसे कहा जाता है – शैक्षणिक उद्देश्‍य

  8. यह वास्‍वतिक है कि गणित को बहुत से छात्र कठिन समझते है अत: स्‍कूल और शिक्षक  द्वारा ठोरस कदम उठाए जाने चाहिए जिससे छात्रो के गणित के स्‍तर को बढाया जा सके उपरोक्‍त दृष्टिकोण किसका है – शिक्षा नीति 1986 का

  9. गणित शिक्षण का वास्‍तविक उद्देश्‍य ज्ञान प्राप्‍त करना नही है वरन शक्ति प्रदान करना है यह कथन है – डटन

  10. व्‍यावहारिक गणित का भाग है – समीकरणो को हल करना

  11. गणित मापन , परिमाप तथा दिशा का ……. है – विज्ञान

  12. गणित की संरचना एवं प्रकृति का एक गुण है – मूर्त होना

  13. प्रारंम्भिक संख्‍या संकल्‍पना से संबंधित है – मापन से

  14. 20 वीं सदी के स्‍वशिक्षित भारतीय गणितीय प्रतिभावना व्‍यक्ति थे – श्री निवास रामानुजन

  15. गणित सार संग्रह के लेखक है – महावीराचार्य

  16. एक अच्‍छा गणितज्ञ होने के लिए क्‍या जरूरी है – सभी अवधारणो को समझना लागू करना और उनमें संबध बनाना

  17. प्राथमिक स्‍तर पर गणित की पहेलियॉ मदद करती है – समस्‍या सुलझाने के कोशल को प्रोत्‍साहित करने में

  18. गणितीय संचारण उल्‍लेख करता है – गणितीय संचारण का

  19. एक बच्‍चा जिस अवस्‍था में सभी सबंधी संक्रियाओ को करने में सक्षम हे तथा भिन्‍नो के संप्रत्‍यय की व्‍याख्‍या करने में सक्षम है वह अवस्‍था है – संक्रियात्‍मक अवस्‍था

  20. प्रिया गणितीय प्रश्‍न करने में निपुण है उसमें किस प्रकार की बहुबोद्धिंकता की अधिकता है – तार्किक बुद्धि

  21. एलगोरिद्भ बच्‍चो में नही विकसित कर सकते है – रटना

  22. अमूर्तता विशिष्‍टीकरण एवं व्‍यापीकरण किस वषिय की समझ बढाने के लिए उपयोग किया जाता है – गणित

  23. बच्‍चो में गोलाई की अवधारणा धीरे धीरे विकसित होती है – मूर्त से अमूर्त

  24. गणित ज्ञान का निश्चित तथा ठोस आधार होता है यह कथन गणित की प्रकृति की ओर इंगित करता है – तार्किक

  25. इकाई योजना के प्रतिपादक है – हरबर्ट

  26. प्राथमिक स्‍तर पर गणित का महत्‍व है – मानसिक

  27. गणित विज्ञान है – गणनाओ का

  28. विकासशील मूल्‍यो में सफलता मुख्‍यत: निर्भर करती है – शिक्षक पर

  29. अनुपस्थिति रोकीी जा सकती है – अभिभावको / माता पिता से सम्‍पर्क करके

  30. गणित की प्रकृति है – तार्किक , अमूर्त , सर्वाभौमिक , सरल है

  31. गणित शिक्षण के साथ साथ आयोजित की जाने वाली मासिक परीक्षाओ की आवश्‍यकता होती है – छात्रो को अधिक से अधिक अभ्‍यास कार्य करवाने के लिए

  32. गणित एक ऐसा विषय हे जो मानसिक शक्तियो को प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है तथा एक सुषुप्‍त आत्‍म में चेतना एवं नवीन जागृति उत्‍पन्‍न करने के कौशल का विकास करता है – प्‍लूटो

  33. उच्‍च प्राथमिक स्‍तर पर गणित शिक्षण का सर्वाधिक महत्‍व किस रूप में है – व्‍यावहारिक

  34. गणित शिक्षण के माध्‍यम से बच्‍चो में किस भावना पर नियंत्रण रखने का कोशल विकसित हो जाता है – तर्कशक्ति , आत्‍म-विश्‍वास , विचार शक्ति

  35. हिन्‍दी अंग्रेजी , गणित , सामाजिक विज्ञान में से कौन सा विषय विज्ञान विषयो के आधार विषय के रूप में माना जाता है – गणित

  36. अमूर्त एवं संगत सरंचनाओ के अध्‍ययन का विषय किस विषय को कहा जाता है – गणित

  37. गणित का पाठक्रम में स्‍थान इ‍सलिए महत्‍वपूर्ण है क्‍योकि वह सहायक हे – भौतिक विज्ञान , रसायन विज्ञान , सांख्यिकी के अध्‍ययन में

  38. गणित पाठ्य पुस्‍तक की सामग्री का विकास किस रूप में होना चाहिए – तर्क संगत रूप में

  39. माध्‍यमिक स्‍तर के बाद गणित की कौन कौन सी शाखाऍं पाठ्यक्रम में सम्मिलित हो जाती है – अंकगणित , बीजगणित , ज्‍यामिति

  40. विद्यालय पाठ्यक्रम में गणित का महत्‍व है – ज्ञान एवं कौशलो की प्रप्ति में , बोद्धिक आदतो के विकास में , वांछित दृष्टिकोण पेना करने में

  41. गणित शिक्षण में पाठ्यपुस्‍तक के द्वारा छात्र विषय वस्‍तु किसकी सहायता से युग्‍म कनाता है – संगठित करके

  42. गणित की पाठ्य पुस्‍तक में विभिन्‍न प्रकरणो में खण्‍ड अभ्‍यास समय को समावेशित करने का उद्देश्‍य है – विस्तृत अधिगम के अवसर प्रदान करना

  43. राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 सिफारिश करता है कि प्राथमिक स्‍तर पर गणित की शिक्षा का केन्‍द्र होना चािहए – कक्षा कक्ष में की गई पढाई को विद्यार्थियो की देनिक जिन्‍दगी से जोडने मे सहायता करना

  44. राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अनुसार विद्यालयो में गणित शिक्षण का संकीर्ण उद्देश्‍य – संख्‍यात्‍म्‍क कौशलो का विकास

  45. राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अनुसार  प्राथमिक सतर पर संख्‍याओ और उन पर संक्रियाओ , मात्राओ का मापन आदि का शिक्षण – गणित शिक्ष्‍ज्ञण के संकीर्ण उद्देश्‍य को पूरा करता है

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